तुम्हें क्या क्या लिखें

जिंदगी का राग लिखें, रंग लिखें 
पतझड़-बसंत लिखें 

या मन की तरंग लिखें
हर रोज सोचते हैं 
तुम्हें क्या क्या लिखें

जमीं का माहताब लिखें 
अपनी आंखों का आब लिखें
या कोई ख्वाब लिखें 
सोचते हैं क्या क्या लिखें 


तेरे कदमों की आहट लिखें 
मुस्कराता देख मिलती राहत लिखें 
या अपनी आखिरी चाहत लिखें
सोचते हैं तुम्हें क्या क्या लिखें 


होठों का गुलाब लिखें
खूबसूरती का शबाब लिखें 
या बस लफ्ज 'लाजबाब' लिखें 
सोचते हैं अब और क्या लिखें 

क्यों ना तुम पर 
कोई किताब लिखें 
दिल की हर बात लिखें 

बस लिखते रहें 
दिन-रात लिखें 
पर सवाल वही
क्या-क्या लिखें 
कहां से शुरू कहां 
अंत करें

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