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'कविता हमेशा धर्म के विरुद्ध होती है'

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अरबी के प्रसिद्ध आधुनिक कवि अदोनिस पेरिस में स्व निर्वासित नागारिक के रूप में रह रहे हैं। उन्हें अरबी भाषा में गद्य कविता का आविष्कारक माना जाता है। उन्हें लगभग हर बार साहित्य के नोबेल का एक उम्मीदवार माना जाता है। अदोनिस की अरब में लोकप्रियता के बारे में कहा जाता है कि उन्हें हर कोई जानता है। लेकिन वे साल साल 2011 के बाद से वे लगातार सीरिया संघर्ष को लेकर एक विवादस्पद व्यक्तित्व रहे हैं। 2011 की शुरुआत में सीरियाई विद्रोह की शुरुआत के बाद अरबी बुद्धिजीवियों को अदोनिस की टिप्पणी का इंतजार था। न सिर्फ इसलिए कि वे एक बड़े कवि हैं बल्कि वे शियाओं की अलावित शाखा से भी हैं। जिससे कि सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद का संबंध है। आखिरकार साल 2016 के जून महीने में अदोनिस ने बसर अल-असद को एक खुला खत लिखा। जिसमें उन्होंने डेमोक्रेटिक ट्रांजिशन का आह्वान किया था। लेकिन तब तक असद शासन 1400 लोगों की हत्या कर चुका था। अदोनिस की इतनी देर से प्रतिक्रिया देने को लेकर भी उनकी काफी आलोचना हुई। 86 वर्षीय अदोनिस ने साल 2016 में ही पैन अरब न्यूजपेपर अल हयात में नियमित कॉलम लिखकर अरब स्प्रिंग की विफलता पर अपने