...और वह मुझसे बिछड़ गई

आज पूरे 6 महीने पूरे हो गए हमे अपने अजीज से बिछड़े हुए | शायद वह जिंदगी का पहला प्यार था | उसकी आंख में झांक कर दुनिया देखने में जो आनंद और सकून मिलता था वह ऐसे देखने में कहां | कई ख्वाब संजोए थे उसी के दम पर लेकिन एक पल में सब बिखर गए |
इसे पढ़ने पर आपको लग रहा होगा, रही होगी कोई प्रेमिका हो गया होगा ब्रेक अप |
थी तो वह मेरी प्रेमिका ही, लेकिन कोई लड़की नही | मुझे प्यार फोटोग्राफी से था | वह पहला प्यार था |
हम मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले लोगों की कोई हॉबी नही होती क्योंकि इसकी औकात नहीं होती | यहां अक्सर हमारे जैसे लोगों के कंधे घर वालों की उम्मीदों के भार से झुकते जाते हैं | यहां छात्र जीवन में शौक जैसे शब्द की जगह नहीं होती |
इसके लिए प्यार करना पड़ता है, अपने शौकिया काम से |
मेरी भी हालत लगभग ऐसे ही थी, हां यह कह सकते हैं कि थोड़ी बेहतर थी | बड़ी मिन्नतों के बाद प्यार का टूल कैमरा मिल गया था |
यह प्यार अभी जवान ही हो रहा था कि कैमरा एक दिन चोरी हो गया |
यह सब इसलिए याद कर रहा क्योंकि आज विश्व फोटोग्राफी दिवस है | यह मेरे लिए कभी वैलेंटाईन डे से कम नहीं हुआ करता था |
बस अचानक से ही याद आया कि आज तो विश्व फोटोग्राफी दिवस है | तब से रह रह कर दिल कचोट रहा और कुछ टीस रहा सीने में | मन कर रहा जोर जोर से चिल्लाऊं या सिर पटकूं, कुछ समझ नहीं आ रहा |
यह फोटोग्राफी दिवस मेरे लिए किसी मरण दिवस से कम नहीं होने वाला |


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

एक नदी की सांस्कृतिक यात्रा और जीवन दर्शन का अमृत है 'सौंदर्य की नदी नर्मदा'

गड़रिये का जीवन : सरदार पूर्ण सिंह

तलवार का सिद्धांत (Doctrine of sword )

युद्धरत और धार्मिक जकड़े समाज में महिला की स्थित समझने का क्रैश कोर्स है ‘पेशेंस ऑफ स्टोन’

माचिस की तीलियां सिर्फ आग ही नहीं लगाती...

स्त्री का अपरिवर्तनशील चेहरा हुसैन की 'गज गामिनी'

ईको रूम है सोशल मीडिया, खत्म कर रहा लोकतांत्रिक सोच

महत्वाकांक्षाओं की तड़प और उसकी काव्यात्मक यात्रा

महात्मा गांधी का नेहरू को 1945 में लिखा गया पत्र और उसका जवाब

चाय की केतली