सपनों की दुनिया ( The World of dreams)
ये सपनो की दुनिया भी अजब दुनिया है ,
कुछ बंद , कुछ खुली आँखों में सपने आते हैं ,
खुली आखों वाले पर इक यकीन हो ही जाता है ,
वे इतने लाजबाब आते है ,
कुछ सपनें गहरी नींद में सुला देते है ,
कुछ दिल का चैन , रातो की नींद उड़ा देते है ,
सपनें हर कोई देखता है,
उसे पूरा होने की तमन्ना लिए फिरता है
सपनों की भी अलग -अलग श्रेणियां है ,
गरीबों का सपना, अमीरों का सपना, आशिकों का सपना ,
हर किसी का अपना - अपना सपना ,
सबके पैरों में सपनों की बेड़ियां हैं ।
कोई देखता है सुबह जाते निवाले का सपना ,
कोई देखता एक और एंटिला का सपना ,
एक ऐसा भी है वह न देखता है निवाले का सपना, न देखता किसी एंटिला का सपना ,
वह तो देखता बस किसी की बाँहों में सकून से मरने का सपना ,
ये सपने कितनो को हसाते, रुलाते पागल बनाते हैं ,
हर किसी को अपने पीछे भगाते हैं ,
इन सपनों का पीछा करते हुए लोग अपनो से कितनी दूर चले जाते हैं ,
कुछ जहाज के पंछी की तरह लौट आते हैं ,
कुछ ऐसे भी होते हैं जो जाने कहाँ सपनों की दुनियां में सपने ही बन कर रह जाते हैं
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